अंधेरे के पार एक व्यक्ति जीवन में आए अंधेरे दौर और उससे बाहर निकलने की प्रेरणादायक कहानी।in Moral stories in hindi

 राहुल एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता था। उसके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे और माँ घर संभालती थीं। राहुल बचपन से ही पढ़ाई में तेज था और उसके सपने बड़े थे। वह हमेशा से एक सफल इंजीनियर बनना चाहता था। !

 उसने कड़ी मेहनत की और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास करके एक अच्छे कॉलेज में दाखिला ले लिया।


कॉलेज के दिनों में राहुल ने खूब मेहनत की और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया। उसके दोस्त भी उसकी मेहनत और लगन की तारीफ करते थे।


लेकिन जिंदगी हमेशा आसान नहीं होती। तीसरे साल की पढ़ाई के दौरान राहुल के पिता का अचानक निधन हो गया। यह खबर सुनकर राहुल का दुनिया ही बदल गया।


 उसके सपने और उम्मीदें एक पल में धराशायी हो गईं।


पिता के निधन के बाद राहुल के कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई। उसकी माँ का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं था


 और उसे अपनी पढ़ाई छोड़कर नौकरी करनी पड़ी। राहुल ने एक छोटी सी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी, लेकिन वह नौकरी उसकी योग्यता के अनुसार नहीं थी।


 वह खुद को असफल महसूस करने लगा और धीरे-धीरे अंदर से टूटने लगा।


राहुल का जीवन अंधेरे में डूब गया। वह हर रात अपने पिता को याद करके रोता और खुद से सवाल करता कि उसकी जिंदगी में सब कुछ इतना बदल क्यों गया। 


उसका आत्मविश्वास खत्म हो गया और वह खुद को अकेला महसूस करने लगा। उसके दोस्त भी उससे दूर हो गए क्योंकि वह हमेशा उदास रहता था।


एक दिन, राहुल की माँ ने उसे देखा कि वह बहुत परेशान है। उसने राहुल से कहा, "बेटा, जिंदगी में कभी-कभी ऐसे दौर आते हैं जब सब कुछ अंधेरा लगता है। 


लेकिन यह अंधेरा हमेशा के लिए नहीं होता। तुम्हें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और अपने सपनों को जिंदा रखना चाहिए।


माँ की बातों ने राहुल के मन में एक उम्मीद की किरण जगाई। उसने सोचा कि अगर उसकी माँ इतनी मुश्किलों के बावजूद हिम्मत नहीं हार रही हैं!


 तो उसे भी हार नहीं माननी चाहिए। राहुल ने फैसला किया कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करेगा और अपने सपनों को पूरा करेगा।


राहुल ने फिर से पढ़ाई शुरू की। वह दिन में नौकरी करता और रात को पढ़ाई करता। 


उसकी मेहनत और लगन ने उसे फिर से आगे बढ़ने की ताकत दी। धीरे-धीरे उसका आत्मविश्वास वापस आने लगा और वह खुद को मजबूत महसूस करने लगा।


एक दिन, राहुल को एक बड़ी कंपनी में नौकरी का मौका मिला। 


यह नौकरी उसकी योग्यता के अनुसार थी और उसे अच्छा वेतन भी मिलता था। 


राहुल ने इस मौके को हाथों हाथ लिया और अपनी मेहनत से कंपनी में अपनी पहचान बनाई। 


उसकी कड़ी मेहनत और लगन ने उसे कंपनी में एक अच्छा पद दिलाया।


राहुल की जिंदगी फिर से पटरी पर आ गई। उसने अपनी माँ का इलाज करवाया और उन्हें एक बेहतर जिंदगी दी। 


उसके सपने फिर से जिंदा हो गए और उसने महसूस किया कि अंधेरा हमेशा के लिए नहीं होता। 


अगर हम हिम्मत न हारें और लगातार मेहनत करें, तो हम अंधेरे के पार उजाले को देख सकते हैं।


राहुल की कहानी हमें यह सिखाती है कि जिंदगी में कभी-कभी ऐसे दौर आते हैं जब सब कुछ अंधेरा लगता है। लेकिन यह अंधेरा हमेशा के लिए नहीं होता। 


अगर हम हिम्मत न हारें और लगातार मेहनत करें, तो हम अंधेरे के पार उजाले को देख सकते हैं। 


राहुल ने अपनी मेहनत और लगन से अपनी जिंदगी को बदल दिया और साबित किया कि अंधेरे के पार हमेशा उजाला होता है।


आज राहुल एक सफल इंजीनियर है !


और उसकी जिंदगी खुशहाल है। उसकी कहानी हमें यह याद दिलाती है कि जिंदगी में चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, अगर हम हिम्मत न हारें और लगातार मेहनत करें


तो हम अपने सपनों को जरूर पा सकते हैं। राहुल ने अंधेरे के पार उजाले को देखा और अपनी जिंदगी को रोशन कर दिया।

अंधेरे के पार एक व्यक्ति जीवन में आए अंधेरे दौर और उससे बाहर निकलने की प्रेरणादायक कहानी।in Moral stories in hindi अंधेरे के पार एक व्यक्ति जीवन में आए अंधेरे दौर और उससे बाहर निकलने की प्रेरणादायक कहानी।in Moral stories in hindi Reviewed by Health gyandeep on मार्च 15, 2025 Rating: 5
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