Mulethi ke fayde : दादी अम्मा बताई मुलेठी कैसे इस्तेमाल करें क्या आपको पता है?

 Mulethi ke fayde -किसी हरे-भरे गांव में, जहां हवा में मिट्टी की सोंधी खुशबू और खेतों की ताजगी बसी थी, वहां रहती थीं दादी अम्मा। दादी अम्मा की उम्र तो 70 पार थी, लेकिन उनकी मुस्कान और जोश किसी जवान से कम नहीं था। गांव के बच्चे, बूढ़े, जवान, सब उनके पास अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं का हल ढूंढने आते थे। दादी अम्मा की सबसे खास चीज थी उनकी छोटी-सी थैली, जिसमें वो हमेशा कुछ सूखी मुलेठी की जड़ें रखती थीं।  Mulethi ke fayde के विषय में हम अपने वेबसाइट पर बढ़िया से समझाएंगे! चलिए आगे बताते हैं!



एक दिन, गांव का छोटा-सा बच्चा टिंकू, जो हमेशा अपनी खांसी से परेशान रहता था, दादी के पास भागा। उसकी मां ने कहा, दादी, टिंकू को खांसी ठीक नहीं हो रही। डॉक्टर की दवाइयां भी काम नहीं कर रही हैं। दादी ने टिंकू को पास बुलाया, उसकी पीठ थपथपाई और अपनी थैली से एक छोटी-सी मुलेठी की जड़ निकाली। बेटा, इसे चूसो, और देखो मुलेठी का कमाल! दादी ने हंसते हुए कहा। टिंकू ने मुलेठी मुंह में डाली और कुछ ही दिनों में उसकी खांसी गायब! गांव में बात फैल गई कि दादी की मुलेठी में कयामत थी! Mulethi ke fayde !


लेकिन क्या मुलेठी में सचमुच कयामत था? चलो, आज हम दादी अम्मा की तरह मुलेठी के फायदों ज्ञानदीप वेबसाइट पर समझते हैं ताकि बच्चे, बूढ़े, और हर कोई इसे आसानी से समझ सके।


•मुलेठी क्या है?

मुलेठी, जिसे अंग्रेजी में लिकोरिस (Liquorice) कहते हैं, एक पौधे की जड़ है। यह दिखने में भूरी और सूखी होती है, लेकिन इसका स्वाद हल्का मीठा और अनोखा होता है। आयुर्वेद में इसे यष्टिमधु कहते हैं, यानी मीठी जड़। यह न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत के लिए भी कमाल की है। दादी अम्मा कहती थीं, मुलेठी प्रकृति का तोहफा है, जो छोटी-छोटी बीमारियों को प्यार से भगा देती है।


•मुलेठी के फायदे -Mulethi ke fayde !

1.खांसी और गले की खराश का इलाज

टिंकू तो आपने सुनी। मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गले की खराश, खांसी और सर्दी को ठीक करने में मदद करते हैं। दादी कहती थीं, जब गला बैठ जाए या खांसी सताए, मुलेठी को मुंह में रखो। ये गले को नरम कर देगी। बच्चे इसे आसानी से चूस सकते हैं, और बूढ़ों के लिए भी ये दवा जैसा काम करती है।


• मुलेठी कैसे इस्तेमाल करें?

° एक छोटा टुकड़ा मुलेठी का चूसें। या मुलेठी को पानी में उबालकर उसका काढ़ा पिएं।



2. गांव में रामू काका- को हमेशा पेट में जलन और गैस की शिकायत रहती थी। एक बार दादी ने उन्हें मुलेठी का पाउडर दिया और कहा, रामू, इसे शहद के साथ खा, तेरा पेट ठंडा हो जाएगा। रामू काका ने आजमाया और उनकी जलन कम हो गई। मुलेठी पेट की अम्लता (एसिडिटी), अपच, और अल्सर जैसी समस्याओं को कम करती है। यह पेट की परत को मजबूत करती है और सूजन को शांत करती है।


• मुलेठी कैसे इस्तेमाल करें?

° मुलेठी पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर खाएं।

° मुलेठी की चाय बनाकर पिएं।


3. गांव की छोटी सी लड़की- मिंटू को मुंह में छाले हो गए थे। वो रोते हुए दादी के पास पहुंची। दादी ने मुलेठी का एक टुकड़ा उसे चूसने को दिया और कहा, बेटी, ये तेरे छालों को आराम देगा। मुलेठी में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मुंह के छालों और मसूड़ों की सूजन को कम करते हैं। साथ ही, इसका मीठा स्वाद बच्चों को पसंद भी आता है।


• मुलेठी कैसे इस्तेमाल करें?

° मुलेठी का टुकड़ा चबाएं।

° मुलेठी पाउडर को पानी में मिलाकर कुल्ला करें।


4. तनाव और थकान को दूर करे

गांव के स्कूल मास्टर श्याम जी को हमेशा तनाव रहता था। दादी ने उन्हें मुलेठी की चाय पीने की सलाह दी। मुलेठी में एडाप्टोजेनिक गुण होते हैं, जो तनाव को कम करते हैं और शरीर को ऊर्जा देते हैं। श्याम जी ने इसे आजमाया और बोले, दादी, ये तो जादू की चाय है! मुलेठी थकान को दूर करती है और दिमाग को शांत रखती है।


• मुलेठी कैसे इस्तेमाल करें?

° मुलेठी की जड़ को पानी में उबालकर चाय बनाएं।

° इसमें थोड़ा अदरक या इलायची डाल सकते हैं।



5. गांव की राधा को चेहरे पर दाग-धब्बे थे। दादी ने उसे मुलेठी का लेप लगाने को कहा। मुलेठी में ग्लाइसीराइजिन होता है, जो त्वचा को निखारता है और दाग-धब्बों को कम करता है। राधा ने मुलेठी पाउडर को दूध के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाया और कुछ हफ्तों में उसका चेहरा चमकने लगा।


• मुलेठी कैसे इस्तेमाल करें?

° मुलेठी पाउडर को दूध या गुलाबजल में मिलाकर लेप बनाएं।

° इसे चेहरे पर 15 मिनट लगाकर धो लें।



6. दादी अम्मा कहती थीं, मुलेठी खाओ, बीमारियां पास नहीं आएंगी। मुलेठी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। खासकर सर्दियों में, जब सर्दी-जुकाम का डर रहता है, मुलेठी खाना फायदेमंद है।


• मुलेठी कैसे इस्तेमाल करें?

° मुलेठी को काढ़े या चाय के रूप में पिएं।

° छोटे बच्चों को मुलेठी का छोटा टुकड़ा चूसने दें।


• मुलेठी का सही इस्तेमाल कैसे करें और सावधानियां रखें!

° दादी अम्मा हमेशा कहती थीं, हर अच्छी चीज की भी एक सीमा होती है। मुलेठी के फायदे बहुत हैं, लेकिन इसे सही मात्रा में लेना जरूरी है। कुछ सावधानियां:- 


°अधिक मात्रा न लें: ज्यादा मुलेठी खाने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।


° महिलाएं सावधानी बरतें : मुलेठी का ज्यादा सेवन महिलाओं के लिए ठीक नहीं।


°डॉक्टर की सलाह लें: अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है, तो पहले डॉक्टर से पूछें।


• मुलेठी कैसे लें?

° रोजाना 1-2 ग्राम मुलेठी पाउडर या एक छोटा टुकड़ा काफी है।

° मुलेठी की चाय हफ्ते में 2-3 बार पिएं।


•दादी की मुलेठी एक अनोखा तोहफा!

गांव के लोग अब मुलेठी को दादी का कहने लगे। टिंकू की खांसी, रामू काका की गैस, मिंटू के छाले, श्याम जी का तनाव, और राधा के दाग-धब्बे, सबके लिए मुलेठी एक दवाई बन गई। दादी कहती थीं, प्रकृति में हर बीमारी का इलाज छिपा है, बस उसे प्यार से अपनाना सीखो।


मुलेठी कोई साधारण जड़ नहीं, बल्कि सेहत का खजाना है। इसे बच्चे, बूढ़े, जवान, हर कोई इस्तेमाल कर सकता है। इसका स्वाद मीठा और इस्तेमाल आसान। तो अगली बार जब आपको खांसी सताए, पेट में जलन हो, या त्वचा को निखारना हो, दादी अम्मा की तरह मुलेठी को आजमाइए।Mulethi ke fayde !


Mulethi ke fayde : दादी अम्मा बताई मुलेठी कैसे इस्तेमाल करें क्या आपको पता है? Mulethi ke fayde : दादी अम्मा बताई मुलेठी कैसे इस्तेमाल करें क्या आपको पता है? Reviewed by Health gyandeep on मई 07, 2025 Rating: 5
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