भारत ने 7 मई 2025 को -एक ऐसी कार्रवाई की, जिसने न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। ऑपरेशन सिंदूर, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों ने अंजाम दिया, ने आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया। इस ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देते हुए, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख आतंकी और 1999 में हुए आईसी-814 विमान अपहरण के मास्टरमाइंड अब्दुल रऊफ अजहर को मार गिराया गया। हम अपने वेबसाइट पर ताकि हर कोई इसे आसानी से समझ सके और भारत के इस साहसिक कदम की कहानी जान सके।
• आईसी-814 अपहरण एक काला अध्याय!
1999 में, 24 दिसंबर को, भारतीय विमानन इतिहास का एक दुखद दिन था। इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी-814, जो काठमांडू से दिल्ली जा रही थी, को हरकत-उल-मुजाहिदीन के आतंकियों ने हाईजैक कर लिया। इस विमान में 179 यात्री और 11 चालक दल के सदस्य सवार थे। आतंकियों ने विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले जाकर यात्रियों को बंधक बना लिया। उनकी मांग थी कि भारत सरकार 36 खूंखार आतंकियों को रिहा करे, जिनमें से एक था मसूद अजहर, जो बाद में जैश-ए-मोहम्मद का सरगना बना। अब्दुल रऊफ अजहर, मसूद का छोटा भाई, इस अपहरण की साजिश का मुख्य योजनाकार था। भारत सरकार को मजबूरन मसूद अजहर और अन्य आतंकियों को रिहा करना पड़ा, लेकिन इस घटना ने देश के दिल पर गहरी चोट छोड़ी। एक यात्री, रूपिन कत्याल, की इस दौरान हत्या कर दी गई, जिसे देश आज भी याद करता है।
• abdul rauf azhar - आतंक का चेहरा!
अब्दुल रऊफ अजहर कोई साधारण आतंकी नहीं था। वह जैश-ए-मोहम्मद का दूसरा सबसे बड़ा नेता था और मसूद अजहर का दायां हाथ। उसने न केवल आईसी-814 अपहरण की साजिश रची, बल्कि 2001 में भारतीय संसद पर हमले, 2019 में पुलवामा हमले और कई अन्य आतंकी गतिविधियों में भी उसका हाथ था। वह पाकिस्तान के बहावलपुर में जैश के मुख्यालय, मारकज सुभान अल्लाह, से अपनी गतिविधियां संचालित करता था। यह जगह आतंकियों को प्रशिक्षण देने और हमलों की योजना बनाने का केंद्र थी। रऊफ की हरकतों ने न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में आतंक का जाल फैलाया, जिसमें अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या भी शामिल थी, जिसके लिए रिहा हुए आतंकी उमर सईद शेख जिम्मेदार था।
• पहलगाम हमला - ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत!
22 अप्रैल 2025 को, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भयानक आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें दो नवविवाहित जोड़े, नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और शुभम द्विवेदी शामिल थे। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इसकी निंदा की और दोषियों को सजा देने की मांग की। भारत ने इस बार चुप रहने के बजाय कड़ा कदम उठाया। ऑपरेशन सिंदूर की योजना बनाई गई, जिसका उद्देश्य था आतंकी ठिकानों को नष्ट करना और रऊफ जैसे आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाना।
• ऑपरेशन सिंदूर - साहस और सटीकता की मिसाल!
7 मई 2025 की सुबह, भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने एक साथ मिलकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इनमें बहावलपुर का मारकज सुभान अल्लाह सबसे महत्वपूर्ण था, जहां रऊफ अजहर और जैश के अन्य बड़े नेता रहते थे। सुबह 1:05 से 1:30 बजे के बीच, 25 मिनट की इस कार्रवाई में भारतीय बलों ने बिना किसी सैन्य ठिकाने को निशाना बनाए, केवल आतंकी ढांचों को नष्ट किया। इस हमले में रऊफ अजहर मारा गया, साथ ही मसूद अजहर के 10 परिवार वालों और 4 करीबी सहयोगियों की भी मौत हुई। मसूद अजहर ने खुद इस नुकसान को स्वीकार किया और कहा कि वह भी मरना चाहता था। इस ऑपरेशन ने न केवल भारत की सैन्य ताकत दिखाई, बल्कि यह भी साबित किया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ नरमी नहीं बरतेगा।
• भारत की जीत, दुनिया का समर्थन!
ऑपरेशन सिंदूर को संयुक्त राष्ट्र और कई देशों, खासकर अमेरिका, ने समर्थन दिया। अमेरिका ने इसे भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के तौर पर देखा, क्योंकि रऊफ अजहर की साजिशों ने डैनियल पर्ल जैसे अमेरिकी नागरिक को भी नुकसान पहुंचाया था। भारत ने इस ऑपरेशन को "मापा हुआ, गैर-आक्रामक, जिम्मेदार और सटीक" बताया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक में इसकी सफलता की पुष्टि की। इस कार्रवाई ने भारत की नई नीति को रेखांकित किया - आतंकवाद के खिलाफ पहले हमला, न कि जवाबी कार्रवाई।
• भारत की जीत एक नई उम्मीद!
रऊफ अजहर का अंत केवल एक आतंकी की हार नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीत है। यह ऑपरेशन उन परिवारों के लिए न्याय है, जिन्होंने आईसी-814 अपहरण, पहलगाम हमले, पुलवामा और अन्य हमलों में अपने प्रियजनों को खोया। यह देश के युवाओं के लिए एक संदेश है कि भारत अब कमजोर नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली राष्ट्र है, जो अपने नागरिकों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
• निष्कर्ष: साहस का रंग - सिंदूर!
ऑपरेशन सिंदूर का नाम भारतीय संस्कृति में साहस और विजय के प्रतीक सिंदूर से प्रेरित है। यह ऑपरेशन भारत के इरादों का प्रतीक है - आतंकवाद को जड़ से उखाड़ना। अब्दुल रऊफ अजहर का अंत एक नई शुरुआत है, जहां भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करेगा, बल्कि दुनिया को आतंक से मुक्त करने में भी योगदान देगा। यह कहानी हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है।
