समुद्र का किनारा हमेशा से रहस्यों और रोमांच से भरा रहा है। उसकी लहरें न जाने कितनी कहानियाँ अपने साथ लाती और ले जाती हैं।
ऐसा ही एक छोटा सा गाँव था, जो समुद्र के किनारे बसा हुआ था। इस गाँव का नाम था "नीलग्राम"। नीलग्राम के लोग साधारण जीवन जीते थे, लेकिन इस गाँव के आसपास कई रहस्यमयी घटनाएँ घटती थीं, जो लोगों को हैरान कर देती थीं।
नीलग्राम एक छोटा सा गाँव था, जहाँ लगभग सौ परिवार रहते थे। गाँव के एक तरफ हरियाली से भरे पहाड़ थे !
तो दूसरी तरफ नीले समुद्र का विशाल फैलाव। गाँव के लोग मछली पकड़ने, खेती करने और छोटे-मोटे कामों से अपना गुजारा करते थे।
गाँव में एक प्राचीन मंदिर भी था, जिसके बारे में कहा जाता था कि यह समुद्र देवता को समर्पित है। लोगों का मानना था कि इस मंदिर की वजह से गाँव सुरक्षित रहता है।
एक दिन गाँव में एक नई लड़की आई, जिसका नाम था मीरा। मीरा शहर से आई थी और उसने गाँव के एक छोटे से घर को किराए पर ले लिया था।
वह बहुत शांत और गंभीर स्वभाव की थी। गाँव वालों को उस पर शक होने लगा क्योंकि वह अक्सर समुद्र के किनारे अकेले घूमती रहती थी।
कुछ लोगों ने देखा कि वह रात के अंधेरे में भी समुद्र तट पर जाती है और कुछ देर वहाँ बैठकर लौट आती है।
धीरे-धीरे गाँव में अजीबोगरीब घटनाएँ होने लगीं। कुछ लोगों ने दावा किया कि उन्होंने रात में समुद्र से अजीब आवाजें सुनी हैं।
कुछ ने कहा कि उन्हें समुद्र तट पर एक रहस्यमयी आकृति दिखाई दी है। गाँव वालों को लगने लगा कि मीरा इन घटनाओं से जुड़ी हो सकती है!
एक रात गाँव के एक युवक, राहुल, ने मीरा का पीछा करने का फैसला किया। राहुल गाँव का ही एक लड़का था,
जो मीरा के व्यवहार से हैरान था। उसने देखा कि मीरा समुद्र तट पर जाकर एक पुरानी डायरी निकालती है और उसे पढ़ने लगती है। राहुल ने धीरे से पास जाकर उससे पूछा, "तुम यहाँ क्या कर रही हो?"
मीरा ने उसे देखा और मुस्कुराई। उसने कहा, "मैं अपने पिता की तलाश में हूँ।
राहुल हैरान रह गया। मीरा ने बताया कि उसके पिता एक वैज्ञानिक थे, जो इस गाँव में एक रिसर्च के लिए आए थे। वह समुद्र के रहस्यों को समझना चाहते थे,
लेकिन एक दिन वह अचानक गायब हो गए। मीरा को उनकी डायरी मिली थी, जिसमें उन्होंने समुद्र के बारे में कई रहस्यमयी बातें लिखी थीं।
मीरा और राहुल ने मिलकर डायरी को पढ़ना शुरू किया। डायरी में लिखा था कि इस समुद्र के नीचे एक प्राचीन शहर है,
जो सैकड़ों साल पुराना है। मीरा के पिता ने लिखा था कि उन्हें इस शहर के बारे में पता चला है और वह उसे खोजना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने यह भी लिखा था
कि इस शहर तक पहुँचना बहुत खतरनाक है क्योंकि वहाँ कुछ अजीब शक्तियाँ काम करती हैं।
मीरा और राहुल ने फैसला किया कि वे इस रहस्य को सुलझाएँगे। उन्होंने गाँव के कुछ लोगों की मदद से एक छोटी नाव तैयार की और समुद्र में उतर गए।
उन्हें डायरी में दिए गए निर्देशों के अनुसार एक विशेष जगह पर पहुँचना था।
कई घंटों की यात्रा के बाद, उन्हें समुद्र के नीचे एक विशाल संरचना दिखाई दी।
यह एक प्राचीन शहर था, जो पानी के नीचे डूबा हुआ था। मीरा और राहुल ने गोताखोरी की और शहर के अंदर जाने का रास्ता ढूँढ़ा।
शहर के अंदर उन्हें कई प्राचीन मूर्तियाँ और चित्र मिले, जो एक अजीब सभ्यता के बारे में बताते थे।
अचानक, उन्हें एक दरवाजा दिखाई दिया, जो बंद था। दरवाजे पर कुछ अजीब निशान थे,
जो डायरी में दिए गए नक्शे से मेल खाते थे। मीरा ने उन निशानों को छूकर दरवाजा खोलने की कोशिश की। दरवाजा खुलते ही उनके सामने एक चमकदार प्रकाश फैल गया।
प्रकाश के बीच में उन्हें मीरा के पिता की तस्वीर दिखाई दी। वह एक संदेश दे रहे थे कि इस शहर को खोलना खतरनाक है
क्योंकि यहाँ एक शक्तिशाली ऊर्जा छिपी हुई है, जो पूरी दुनिया को बदल सकती है।
मीरा और राहुल ने फैसला किया कि वे इस रहस्य को दुनिया के सामने नहीं लाएँगे और इसे वहीं छोड़ देंगे।
वे वापस गाँव लौट आए और गाँव वालों को बताया कि उन्हें कुछ नहीं मिला। लेकिन मीरा को पता था कि उसने अपने पिता का सच जान लिया है।
उसने गाँव में रहने का फैसला किया और समुद्र के किनारे अपनी नई जिंदगी शुरू की।
एक और किनारे की कहानी" सिर्फ एक रहस्यमयी कहानी नहीं है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है !
कि कभी-कभी कुछ रहस्यों को अनसुलझा छोड़ देना ही बेहतर होता है।
यह कहानी हमें प्रकृति की शक्ति और उसके रहस्यों के प्रति सम्मान की भावना भी देती है।
तो, क्या आप भी किसी रहस्य को सुलझाने के लिए तैयार हैं? याद रखिए, कुछ रहस्य हमेशा रहस्य ही रहने चाहिए।
