माँ का नाम सुनते ही दिल को सुकून मिलता है। माँ की गोद में हर दुख भूल जाता है। माँ का आशीर्वाद वो जादू है, जो ज़िंदगी को खूबसूरत बनाता है। आज हम एक नई कहानी सुनेंगे। ये कहानी माँ के आशीर्वाद की ताकत बताएगी।
एक छोटे से गाँव में रानी नाम की लड़की रहती थी। रानी दस साल की थी। वो बहुत मेहनती थी। उसका परिवार गरीब था। रानी की माँ, सरला, खेतों में मज़दूरी करती थी। सुबह से शाम तक काम करके वो रानी और उसके छोटे भाई रमेश को पढ़ाने के लिए पैसे जोड़ती थी। सरला के पास न ज्यादा पैसे थे, न बड़ा घर, लेकिन उसका दिल बहुत बड़ा था।
हर सुबह, जब रानी स्कूल जाती, सरला उसका माथा चूमकर कहती, बेटी, मेहनत कर और अच्छा इंसान बन। मेरी दुआएँ तुम्हारे साथ हैं।” रानी को ये बातें बहुत अच्छी लगती थीं। वो स्कूल में मन से पढ़ती और सपने देखती थी।
एक दिन स्कूल में एक खास प्रतियोगिता हुई। ये थी चित्रकारी की प्रतियोगिता। जो जीतेगा, उसे एक साइकिल और रंग-बिरंगे पेंसिल का डिब्बा मिलेगा। रानी को साइकिल चाहिए थी। वो रोज़ पैदल स्कूल जाती थी, और साइकिल से उसका रास्ता आसान हो जाता। रंग-बिरंगे पेंसिल तो उसने कभी सपने में देखे थे।
रानी ने सोचा, अगर मैं जीत गई, तो माँ कितनी खुश होगी! उसने प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का फैसला किया। लेकिन उसे डर था। उसने सोचा, मेरे पास तो अच्छे रंग भी नहीं। बड़े बच्चों की तस्वीरें बहुत सुंदर होंगी। मैं कैसे जीतूँगी?
शाम को, जब सरला खेत से लौटी, उसने रानी को उदास देखा। उसने पूछा, बेटी, क्या हुआ? तू चुप क्यों है? रानी ने सब बताया। उसने कहा, माँ, मेरे पास अच्छे रंग नहीं। मेरी तस्वीर कैसे अच्छी बनेगी?
सरला ने रानी को पास बुलाया। उसका माथा चूमा और बोली, बेटी, तस्वीर दिल से बनती है। तू अपने मन की बात रंगों में दिखा। मेरी दुआ है कि तेरा सच जीत जाए। जा, बना, और मेरा आशीर्वाद साथ रख।
रानी को माँ की बातों से हौसला मिला। उसने रात को अपनी पुरानी पेंसिल और कागज़ निकाला। उसने एक तस्वीर बनाई। तस्वीर में एक पेड़ था, जिसके नीचे एक माँ अपने बच्चे को गले लगा रही थी। रानी ने उसमें अपनी माँ का प्यार दिखाया। उसने पुरानी पेंसिल से ही इतने प्यार से रंग भरे कि तस्वीर ज़िंदा लगने लगी।
प्रतियोगिता का दिन आया। स्कूल में बहुत सारे बच्चे आए। उनकी तस्वीरें शानदार थीं पहाड़, समुद्र, और शहर की चमक। रानी थोड़ा डर गई। फिर उसने अपनी तस्वीर दिखाई। उसकी तस्वीर देखकर सब चुप हो गए। उसमें प्यार और सादगी थी।
जब नतीजा आया, तो रानी का नाम सबसे ऊपर था! शिक्षक ने कहा, रानी की तस्वीर में दिल की बात है। ये हमें सिखाती है कि प्यार और मेहनत सबसे सुंदर रंग हैं। रानी को साइकिल और पेंसिल का डिब्बा मिला। वो खुशी से नाचने लगी।
घर जाकर रानी ने माँ को साइकिल दिखाई। सरला की आँखों में खुशी के आँसू थे। उसने रानी को गले लगाया और कहा, बेटी, ये मेरी दुआओं की जीत है। तूने मेरा आशीर्वाद सच कर दिखाया।
कहानी की सीख
माँ का आशीर्वाद ताकत देता है माँ की दुआएँ हमें हर मुश्किल में हिम्मत देती हैं।मेहनत से सपने सच होते हैं रानी ने मेहनत की और जीत हासिल की।सादगी में सुंदरता है रानी ने सादे रंगों से प्यार भरी तस्वीर बनाई।
माँ का आशीर्वाद वो खजाना है, जो हमें ज़िंदगी में आगे बढ़ाता है। चाहे माँ पास हो या दूर, उनकी दुआएँ हमेशा साथ रहती हैं।
माँ का आशीर्वाद वो दीया है, जो अंधेरे में रास्ता दिखाता है। रानी की कहानी बताती है कि प्यार, मेहनत, और माँ की दुआएँ मिलकर हर सपना सच कर सकती हैं। अपनी माँ को गले लगाओ, उनकी दुआएँ लो, और अपने सपनों को उड़ान दो।
Reviewed by Health gyandeep
on
अप्रैल 28, 2025
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