arhar dal khane ke fayde- नन्हा और उसकी दादी गाँव की गलियों में नन्हा अपनी साइकिल पर तेज़ी से दौड़ता था। उसकी दादी, जिन्हें सब प्यार से अम्मा कहते थे, हमेशा उसे आवाज़ लगातीं, नन्हा, रुक जा! खाना खा ले, फिर भागना! लेकिन नन्हा कहता, अम्मा, बाद में खाऊँगा, अभी तो दोस्त इंतज़ार कर रहे हैं! एक दिन नन्हा खेलते-खेलते थककर घर लौटा। उसकी आँखें थकान से भारी थीं, और पेट में चूहे दौड़ रहे थे। अम्मा ने उसे पास बिठाया और एक कटोरी गर्मागरम अरहर की दाल और चावल परोसा। दाल की खुशबू ने नन्हा का मन मोह लिया। उसने पहला निवाला मुँह में डाला और आँखें चमक उठीं।
अम्मा, ये दाल तो ताकत जैसी है! थकान गायब हो गई! नन्हा ने मुस्कुराते हुए कहा। अम्मा हँसीं और बोलीं, बेटा, ये अरहर दाल है। ये सिर्फ़ स्वाद ही नहीं, ताकत और सेहत भी देती है। मेरे बचपन में भी मेरी माँ इसे बनाती थीं, और मैं आज तक इसे खाती हूँ। नन्हा ने कटोरी साफ़ कर दी और पूछा, अम्मा, ये दाल इतनी खास क्यों है? अम्मा ने उसे गले लगाया और अरहर दाल के फायदों की कहानी सुनानी शुरू की, जो आज हम आपके साथ साझा कर रहे हैं।
• अरहर दाल सेहत का फायदे!
अरहर दाल, जिसे तूर या तुअर दाल भी कहते हैं, भारतीय रसोई का दिल है। ये पीली, चमकदार दाल सिर्फ़ स्वाद के लिए नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी कमाल की है। आइए, इसे हम अपने वेबसाइट पर तरीके से समझते हैं, जैसे अम्मा ने नन्हा को समझाया।
अरहर दाल में प्रोटीन की भरमार होती है। प्रोटीन हमारी मांसपेशियों को मज़बूत करता है। बच्चे जो दिनभर खेलते-कूदते हैं, उनके लिए ये दाल किसी सुपरफूड से कम नहीं। नन्हा जैसे बच्चों को इससे एनर्जी मिलती है, और वो देर तक थकते नहीं। बड़ों के लिए भी ये मांसपेशियों को मज़बूती देता है, खासकर उन बुजुर्गों को, जिनके शरीर को अतिरिक्त ताकत चाहिए।
अरहर दाल में फाइबर होता है, जो पेट को साफ रखता है। अगर आपको कब्ज़ की शिकायत रहती है, तो ये दाल आपका दोस्त बन सकती है। अम्मा हमेशा कहती थीं, "नन्हा, दाल खाओ, पेट हल्का रहेगा।" फाइबर न सिर्फ़ पाचन को बेहतर करता है, बल्कि आपको देर तक भूख भी नहीं लगने देता।
अरहर दाल में पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखते हैं। ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करती है। अगर आपके घर में कोई बड़ा-बुजुर्ग है, तो उनके लिए अरहर दाल की खिचड़ी या सूप बहुत फायदेमंद हो सकता है। ये उनके दिल को प्यार और ताकत देता है।
क्या आप जानते हैं कि अरहर दाल में फास्फोरस और कैल्शियम भी होता है? ये दोनों हड्डियों और दाँतों को मज़बूत करते हैं। बच्चों की बढ़ती उम्र में और बुजुर्गों की कमज़ोर होती हड्डियों के लिए ये दाल किसी वरदान से कम नहीं। अम्मा कहती थीं, "बेटा, दाल खाओ, हड्डियाँ मज़बूत होंगी, और बुढ़ापे में कमर नहीं दुखेगी।
अरहर दाल में फोलिक एसिड और आयरन होता है, जो खून की कमी (एनीमिया) से बचाता है। खासकर लड़कियों और महिलाओं के लिए ये बहुत ज़रूरी है। अगर आपको थकान या कमज़ोरी महसूस होती है, तो अपनी थाली में अरहर दाल ज़रूर शामिल करें। ये आपके शरीर में नई जान डाल देगी।
अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो अरहर दाल आपकी मदद कर सकती है। इसमें कम कैलोरी और ज़्यादा पोषण होता है। ये आपको पेट भरा हुआ महसूस कराती है, जिससे आप ज़्यादा खाने से बचते हैं। नन्हा की तरह अगर आप भी खाने के शौकीन हैं, तो दाल को अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करें।
अरहर दाल का यानी ये ब्लड शुगर को अचानक नहीं बढ़ाती। डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए ये एक अच्छा विकल्प है। इसे सादा खिचड़ी या सूप के रूप में खाने से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
•अरहर दाल को खाने का तरीका!
अरहर दाल को आप कई तरह से बना सकते हैं। सादा दाल तड़का, खिचड़ी, सांभर, या फिर दाल का सूप। बच्चों को अगर दाल पसंद नहीं, तो इसे पराठे में स्टफिंग के रूप में या दाल के पकौड़े बनाकर खिलाएँ। अम्मा की तरह थोड़ा सा घी और जीरा का तड़का लगाएँ, तो स्वाद और सेहत दोनों दोगुने हो जाएँगे।
उस दिन के बाद नन्हा ने कभी दाल खाने में आनाकानी नहीं की। वो अपने दोस्तों को भी बताता, अरहर दाल खाओ, सुपरमैन बन जाओ! अम्मा की दाल की खुशबू ने नन्हा को सेहत का नया सबक सिखाया। और हाँ, अब वो हर दिन खाना खाकर ही खेलने जाता है।
•अरहर दाल क्यों है ये खास?
अरहर दाल न सिर्फ़ सस्ती और आसानी से मिलने वाली है, बल्कि ये हर उम्र के लिए फायदेमंद है। ये आपके शरीर को पोषण देती है, स्वाद देती है, और आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ती। इसे अपनी रोज़ की थाली में शामिल करें, और अम्मा की तरह अपने परिवार को सेहत का तोहफा दें।
