ram ki wapsi ayodhya: pauranik katha

 जब बात भगवान श्रीराम की होती है, तो हर दिल में एक अलग ही भावना जागती है। बच्चे, बूढ़े, जवान सबके लिए राम एक प्रेरणा हैं, एक आदर्श हैं। उनकी अयोध्या वापसी की कहानी न सिर्फ रामायण का एक हिस्सा है, बल्कि यह एक ऐसी गाथा है जो हमें धैर्य, प्रेम, और कर्तव्य का पाठ पढ़ाती है। आज हम इस कहानी को एक नए अंदाज में हम अपने वेबसाइट पर सुनाएंगे |


चौदह साल का लंबा वनवास! सोचिए, कितना मुश्किल रहा होगा। जंगल में रहना, जहाँ न घर हो, न आराम, न पक्का खाना। फिर भी राम, सीता और लक्ष्मण ने हर मुश्किल को हँसते-हँसते झेला। रावण का वध करने के बाद, जब लंका पर विजय मिली, तो राम के मन में सबसे पहला ख्याल आया अयोध्या! अपनी मिट्टी, अपने लोगों, अपने घर की याद।


राम ने लंका में ज्यादा समय नहीं बिताया। उन्होंने विभीषण को लंका का राजा बनाया और कहा, "अब समय है अपने घर लौटने का।" लेकिन सवाल था कैसे जाएँ? लंका से अयोध्या का रास्ता तो समुद्र के पार था। तभी हनुमान जी ने कहा, "प्रभु, चिंता न करें, हम सब मिलकर रास्ता बनाएंगे। और फिर, सुग्रीव, जामवंत और पूरी वानर सेना ने मिलकर एक खास योजना बनाई।



रावण के पास था एक जादुई रथ पुष्पक विमान! यह कोई साधारण रथ नहीं था। यह हवा में उड़ता था, बादलों को चीरता था, और इसे चलाने के लिए कोई घोड़ा नहीं, बल्कि इच्छाशक्ति चाहिए थी। राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, और कुछ खास साथी इस विमान में सवार हुए। 


जैसे ही पुष्पक विमान ने उड़ान भरी, नीचे का नजारा देखकर सबके चेहरे खिल गए। हरे-भरे जंगल, चमकते समुद्र, और दूर-दूर तक फैली धरती। सीता जी ने राम की ओर देखा और मुस्कुराते हुए कहा, "स्वामी, अब हम घर जा रहे हैं।" राम ने उनकी बात सुनी और मन ही मन अयोध्या के लोगों की याद में खो गए।



अयोध्या में माहौल कुछ और ही था। चौदह साल से लोग राम की राह देख रहे थे। माता कौशल्या, सुमित्रा, और कैकeyi के मन में हर पल यही सवाल था हमारा राम कब आएगा? भरत तो राम की खड़ाऊँ को सिंहासन पर रखकर राज चला रहे थे। उनकी आँखों में हर वक्त राम की वापसी का सपना था। गाँव के बच्चे, बूढ़े, और जवान सब एक ही बात करते, "राम आएंगे, तो अयोध्या फिर से रोशनी से जगमगाएगी।


एक दिन, जब सूरज ढल रहा था, अचानक एक बच्चे ने आसमान में कुछ देखा। "अरे, वो देखो! कोई बड़ा सा पक्षी उड़ रहा है!" उसकी आवाज सुनकर सब बाहर निकले। लेकिन वो पक्षी नहीं, पुष्पक विमान था। जैसे ही लोगों को पता चला कि राम आ रहे हैं, अयोध्या में खुशी की लहर दौड़ गई।



जब राम का विमान अयोध्या में उतरा, तो ऐसा लगा जैसे स्वर्ग धरती पर उतर आया हो। लोग फूल, माला, और दीप लेकर दौड़े। बच्चे नाच रहे थे, बूढ़े आँखों में आँसू लिए राम को देख रहे थे, और औरतें मंगल गीत गा रही थीं। भरत सबसे आगे दौड़े और राम के चरणों में गिर पड़े। "भैया, आप आ गए!" उनकी आवाज में इतना प्यार था कि राम ने उन्हें तुरंत गले लगा लिया।


सीता जी को देखकर माता कौशल्या की आँखें भर आईं। उन्होंने सीता को गले लगाया और कहा, "बेटी, तुमने इतना कष्ट सहे, लेकिन तुम्हारी हिम्मत ने हमें गर्व दिया।" लक्ष्मण को देखकर सुमित्रा माँ ने कहा, "मेरा बेटा, तूने अपने भाई का हर कदम पर साथ दिया।" उस पल अयोध्या में सिर्फ खुशी थी, प्यार था।


लोगों ने राम के स्वागत में दीप जलाए। हर घर, हर गली, हर चौराहा दीयों से सज गया। ऐसा लग रहा था जैसे तारे धरती पर उतर आए हों। यही वो दिन था, जो आज हम दीपावली के रूप में मनाते हैं। बच्चे पटाखे फोड़ते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं, और दीये जलाते हैं सब राम की अयोध्या वापसी की खुशी में।



राम का राज्याभिषेक हुआ। अयोध्या का सिंहासन अब अपने असली राजा को मिला। राम ने राजा बनकर सिर्फ राज नहीं किया, बल्कि लोगों के दिलों पर राज किया। उन्होंने हर किसी को प्यार दिया, न्याय दिया। गरीब, अमीर, बच्चे, बूढ़े सबके लिए राम का दरबार खुला था।


हनुमान जी तो राम के सबसे बड़े भक्त थे। वे हर वक्त राम के पास रहते। बच्चे आज भी हनुमान चालीसा गाते हैं और कहते हैं, "हनुमान जी जैसा हो, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।" सीता जी ने भी अयोध्या को अपने प्यार और सादगी से और खूबसूरत बनाया। लक्ष्मण और भरत ने राम के हर काम में साथ दिया।



राम की अयोध्या वापसी सिर्फ एक कहानी नहीं है। यह हमें सिखाती है कि मुश्किलें कितनी भी बड़ी हों, अगर हम सच्चाई और धैर्य के रास्ते पर चलें, तो जीत हमारी ही होती है। बच्चे इस कहानी से सीखते हैं कि माता-पिता और भाई-बहन का सम्मान करना चाहिए। बूढ़े इस कहानी से प्रेरणा लेते हैं कि जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए। और जवान सीखते हैं 


आज जब हम दीपावली मनाते हैं, तो राम की वापसी की खुशी को फिर से जीते हैं। हर दीया हमें याद दिलाता है कि अंधेरा कितना भी गहरा हो, रोशनी उसे हरा देती है। तो इस दीपावली, चलो हम सब मिलकर एक दीया जलाएँ और राम के गुणों को अपने जीवन में अपनाएँ।


ram ki wapsi ayodhya: pauranik katha ram ki wapsi ayodhya: pauranik katha Reviewed by Health gyandeep on मई 02, 2025 Rating: 5
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