Incomplete story: एक अनोखी नैतिक कहानी..

एक छोटा-सा गाँव था, जिसका नाम था सुखपुर। सुखपुर की खास बात थी कि वहाँ हर इंसान अपनी जिंदगी में कुछ न कुछ अधूरा छोड़ देता था। कोई अपनी पेंटिंग अधूरी छोड़ता, कोई अपनी किताब, तो कोई अपनी ख्वाहिश। गाँव में एक पुराना पीपल का पेड़ था, जिसके नीचे लोग अपनी अधूरी चीजों को छोड़कर चले जाते थे। कोई अधूरी डायरी, कोई टूटा खिलौना, कोई आधा लिखा पत्र सब कुछ उस पेड़ के नीचे इकट्ठा हो जाता। गाँववाले इसे अधूरी चौपाल कहते थे।


इस गाँव में एक बारह साल का लड़का रहता था, जिसका नाम था रवि। रवि की आँखों में सपने बस्ते थे, और उसका दिल हर चीज को पूरा करने की जिद से भरा था। रवि को अधूरी चीजें देखकर बहुत बेचैनी होती थी। वह सोचता, "लोग अपनी कहानियाँ, अपने सपने क्यों अधूरे छोड़ देते हैं?" एक दिन रवि ने ठान लिया कि वह अधूरी चौपाल की हर चीज को पूरा करेगा।



रवि सबसे पहले अधूरी चौपाल गया। वहाँ उसे एक पुरानी डायरी मिली, जिसमें किसी ने अपनी जिंदगी की आधी कहानी लिखी थी। कहानी एक बूढ़े माली की थी, जो अपने बगीचे में एक ऐसा फूल उगाना चाहता था, जो रात में चमके। लेकिन कहानी अधूरी थी—माली ने फूल उगाया या नहीं, यह नहीं लिखा था। रवि ने डायरी उठाई और गाँव के सबसे बूढ़े माली, रामू काका, के पास गया।


"काका, ये डायरी आपकी है?" रवि ने पूछा।  

रामू काका ने डायरी देखी और उनकी आँखें चमक उठीं। "हाँ, बेटा, ये मेरी है। लेकिन मैंने इसे सालों पहले छोड़ दिया। मेरा फूल कभी नहीं उगा।"  

"काका, अगर आप कहें तो मैं आपकी मदद करूँ? हम मिलकर वो चमकता फूल उगा सकते हैं!" रवि ने उत्साह से कहा।  


रामू काका हँसे, "बेटा, अब मेरी उम्र नहीं रही। लेकिन अगर तू चाहता है, तो चल, कोशिश करते हैं।"  



रवि और रामू काका ने मिलकर बगीचे में काम शुरू किया। रवि दिन-रात किताबें पढ़ता, बीजों की खोज करता, और काका को नए-नए तरीके बताता। गाँववाले हँसते, "अरे, रवि पागल हो गया है! अधूरी चीजें पूरी नहीं होतीं।" लेकिन रवि नहीं रुका। कई महीनों की मेहनत के बाद, एक रात बगीचे में एक छोटा-सा फूल खिला। उसकी पंखुड़ियाँ चाँदनी में चमक रही थीं, जैसे तारे जमीन पर उतर आए हों।


गाँववाले हैरान थे। रामू काका की आँखों में आँसू थे। "बेटा, तूने मेरी अधूरी कहानी पूरी कर दी," उन्होंने रवि को गले लगाते हुए कहा।  



रवि की हिम्मत देखकर गाँव में हलचल मच गई। लोग अब अधूरी चौपाल की चीजें रवि को लाने लगे। एक दिन एक छोटी लड़की, मीना, उसके पास एक टूटा गुट्टा लाठी का खिलौना लेकर आई। "भैया, ये मेरे दादाजी का है। वो कहते थे कि वो इसे पूरा करेंगे, लेकिन अब वो नहीं हैं। क्या तुम इसे ठीक कर सकते हो?"  


रवि ने खिलौना लिया और सोच में पड़ गया। उसे लकड़ी का काम नहीं आता था। फिर उसने गाँव के बढ़ई, श्यामू चाचा, से मदद माँगी। श्यामू चाचा ने पहले मना किया, "बेटा, मैं तो अब सिर्फ फर्नीचर बनाता हूँ। खिलौने बनाने का समय कहाँ?" लेकिन रवि की जिद के आगे वो मान गए।  


दोनों ने मिलकर न सिर्फ खिलौना ठीक किया, बल्कि उसे और सुंदर बनाया। जब मीना ने वो खिलौना देखा, तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसने पूरे गाँव में दौड़कर सबको बताया, "मेरे दादाजी का सपना पूरा हो गया!"  



धीरे-धीरे रवि की मेहनत ने गाँव को बदल दिया। लोग अब अपनी अधूरी चीजें छिपाने की बजाय रवि के पास लाने लगे। कोई अधूरी कविता लाता, कोई आधा बुना स्वेटर, कोई टूटी कुर्सी। रवि हर बार किसी न किसी की मदद लेता। वह समझ गया था कि कोई भी काम अकेले पूरा नहीं होता। गाँववाले अब एक-दूसरे के सपनों को पूरा करने में जुट गए।  


एक दिन अधूरी चौपाल खाली हो गई। पीपल के पेड़ के नीचे अब कोई अधूरी चीज नहीं थी। गाँववालों ने उस जगह को "पूरी चौपाल" का नाम दिया। वहाँ अब लोग अपनी पूरी हुई कहानियाँ साझा करते थे। रामू काका का चमकता फूल, मीना का खिलौना, और न जाने कितनी कहानियाँ।  



एक रात, पूरी चौपाल में गाँववाले इकट्ठा हुए। रवि ने सबको देखा और कहा, "मैंने कुछ नहीं किया। मैंने तो बस आप सबके सपनों को एक मौका दिया। हर अधूरी कहानी के पीछे एक ख्वाहिश होती है, और हर ख्वाहिश को पूरा करने की ताकत हम सबमें है। बस, हिम्मत चाहिए और एक-दूसरे का साथ।"  


गाँववालों ने तालियाँ बजाईं। उस रात सुखपुर में एक नया नियम बना कोई भी अपनी कहानी अधूरी नहीं छोड़ेगा, और अगर कोई छोड़ भी दे, तो गाँववाले मिलकर उसे पूरा करेंगे।  



इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि जिंदगी में अधूरी चीजें हमें निराश नहीं करतीं, बल्कि हमें एक मौका देती हैं कि हम कुछ नया करें। हिम्मत, मेहनत, और दूसरों का साथ मिल जाए, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। हर इंसान में कुछ खास है, और अगर हम एक-दूसरे की मदद करें, तो हर कहानी पूरी हो सकती है।  


Incomplete story: एक अनोखी नैतिक कहानी.. Incomplete story: एक अनोखी नैतिक कहानी.. Reviewed by Health gyandeep on अप्रैल 25, 2025 Rating: 5
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